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आओ, हम सब मिलकर नववर्ष मनाएं
सारे जहाँ में ये पैगाम फैलाएं
जो घर नफरतों में टूट चुकें हैं
मोहब्बत की मजबूत दीवारों से उन्हें फिर से बनाएं
आओ, हम सब मिलकर नववर्ष मनाएं
रोकों, इस आंतकवाद को जिसने ना जाने
कितने बेगुनाहों की जान ली है
हस्ते -खेलतें चहरों से छीन उनकी मुस्कान ली है
उठाओ, ऐसा कदम की आंतकवाद फिर कभी सिर ना उठाएं
आओ, हम सब मिलकर नववर्ष मनाएं
माँ की कोख में कोई ज़िन्दगी रोने ना देंगें
किसी भी बेटी पर ज़ुल्म होने ना देंगें
ज़माने को कराएंगें अहसास इंसान के दर्द का
दहेज़ के लालच में कोई अपनी बहू को ना जलाएं
आओ, हम सब मिलकर नववर्ष मनाएं
हर लड़-खडाते कदम को संभाल कर चलना होगा
खुद के संग -संग समाज को भी बदलना होगा
मालुम है , राह आसान नही है हमारी
चलो , एक बार तो इस राह पर चलकर दिखाएं
आओ, हम सब मिलकर नववर्ष मनाएं
प्यार से बड़ा जहाँ में कोई तोहफा नही
जिसके दिल में है सब के लिए प्यार, वो गरीब होता नही
आप सब को नववर्ष की ढेर सारी शुभकामनाएं
हर नववर्ष आप सब के जीवन में खुशियाँ लेकर आएं
आओ, हम सब मिलकर नववर्ष मनाएं !!
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